What has changed from Nirbhaya to Abhaya? When will Nirbhaya come to an End?

Nirbhaya

What has changed from Nirbhaya to Abhaya? Nothing! The story repeats. I wrote this poem on 28/12/2012. Nirbhaya struggled for her life for 12 days and left this world on 30/12/2012. She died in a Singapore hospital. We are again at it. Horrible! The Kolkata Doctor case brings that shame again. What breaks our hearts? 💔

दामिनी

एक दर्दनाक घटना

दर्द है सिनेमें,
डॉक्टर्स दवा दे रहें है।

लोगोंका स्नेह है,
जो ईश्वर से दुवा मांग रहें है।

साँस टूट रहि है,
फिरभी जीना चाहती हूँ।

कुछ भी आशा नहीं है,
फिरभी आशा कर रहीं हूँ।

घुट-घुट के मर रहीं हूँ,
फिरभी जीना चाहती हूँ।

हे भगवान, यह कैसा संसार है,
यहाँ इन्सान के नामपर कुछ हैवान भी है।

यह कैसी सरकार है,
जो किसीकी नहीं सुनती है।

पर कई लोग है,
जो हमसे लगते है।

कई लोग है,
जो विश्वास मुझे दिलाते है।

जिना चाहती हूँ इसी आशासे,
के इंसाफ मिलेगा जरूर एक दिन।

इंसाफ की देवी है अंधी,
पर विश्वास उसपर करती हूँ।

लोगोने नाम दिया है मुझे दामिनी,
बुरायिके दमन के लिए जीना चाहती हूँ।

लोगोने नाम दिया है मुझे निर्भय,
निर्भय होकर जीना चाहती हूँ। 💔


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